अश्लीलता की चरम सीमा।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एक बहुत ही अच्छा स्लोगन इस देश में लेकर आए "बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ " सच में आज इस स्लोगन का महत्व मुझे समझ में आया तब जब मैंने कुछ बेटियों को गंदी अश्लील वीडियो में नाचते गाते हुए देखा।। अपने शरीर के अंगों को दुनियाभर के सामने हिलाते डुलाते हुए देखा।। चेहरे पर कोई शर्म हया तक नहीं थी ऐसा लग रहा था मानो इसको करने के लिए कितनी खुशी हो रही है उन्हें।। हमारे समाज में अश्लीलता इस कदर तक फैल चुकी है कि अब समय यह आ चुका है कि हमें बेटियों की मानसिकता को बदलना है।उनको उनकी मानसिकता पढ़ाई में,करियर को बनाने में आगे बढ़ने में लगाना है ना कि इन घटिया गानों में नृत्य करने के लिए अपने शरीर के अंगो का प्रदर्शन करने के लिए। वीडियो और गानों में नृत्य करने से शरीर के अंगों को हिलाने डुलाने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है केवल उनकी और उनके परिवार की बदनामी होगी बहुत सारे ऐसे ट्रोलर्स सोशल मीडिया में आ चुके जो इन बेटियों का वीडियो बनाकर उनको अश्लीलता के दायरे समझा रहे हैं उनको गालियां दे रहे हैं उनके ऊपर गंदे और भद्दे टिप्पणियों कर रहे हैं और उनके चरित्र पर